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Concept of Hidden Curriculum गुप्त पाठ्यचर्या की अवधारणा

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Social Constructivist Perspective of Curriculum पाठ्यचर्या का सामाजिक संरचनावादी दृष्टिकोण

प्रस्तावना (Introduction) आधुनिक शिक्षा व्यवस्था में पाठ्यचर्या को अब केवल विषयवस्तु की सूची नहीं माना जाता, बल्कि उसे एक सक्रिय, सामाजिक और रचनात्मक प्रक्रिया के रूप में देखा जाता है। पहले यह समझा जाता था कि ज्ञान बाहर से विद्यार्थी के मन में डाला जाता है, परंतु अब यह स्वीकृत हो चुका है कि ज्ञान का निर्माण विद्यार्थी स्वयं अपने अनुभवों, सामाजिक संवाद और परिवेश के माध्यम से करता है। इसी धारणा पर आधारित शैक्षिक विचारधारा को सामाजिक संरचनावाद (Social Constructivism) कहा जाता है। यह दृष्टिकोण यह मानता है कि सीखना केवल एक मानसिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह समाज, संस्कृति, भाषा, परंपराओं और पारस्परिक संबंधों से गहराई से जुड़ा हुआ है। पाठ्यचर्या का सामाजिक संरचनावादी दृष्टिकोण विद्यार्थी को निष्क्रिय श्रोता नहीं, बल्कि एक सचेत, विचारशील और सामाजिक प्राणी के रूप में विकसित करने पर बल देता है। सामाजिक संरचनावाद का अर्थ (Meaning of Social Constructivism) सामाजिक संरचनावाद वह सिद्धांत है, जिसके अनुसार ज्ञान व्यक्तिगत स्तर पर नहीं, बल्कि सामाजिक अंतःक्रियाओं के माध्यम से निर्मित होता है। इस दृष्ट...

School knowledge and its reflection in the form of curriculum, syllabus, and textbooks विद्यालयी ज्ञान और उसका पाठ्यक्रम, पाठ्यवस्तु (सिलेबस) तथा पाठ्यपुस्तकों के रूप में प्रतिबिंब

1. भूमिका (Introduction) शिक्षा किसी भी समाज की बुनियाद होती है और विद्यालय उसकी औपचारिक संरचना का प्रारंभिक तथा सबसे महत्वपूर्ण स्तर होता है। विद्यालय में दी जाने वाली शिक्षा केवल पुस्तकीय सूचना तक सीमित नहीं होती, बल्कि वह विद्यार्थियों के बौद्धिक, सामाजिक, नैतिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक विकास की दिशा तय करती है। इस संपूर्ण प्रक्रिया का मूल आधार विद्यालयी ज्ञान (School Knowledge) होता है। यही ज्ञान जब संगठित रूप में संरचित किया जाता है, तो वह पाठ्यक्रम (Curriculum) बनता है, उसका व्यावहारिक विभाजन पाठ्यवस्तु (Syllabus) कहलाता है और उसका प्रत्यक्ष एवं ठोस रूप पाठ्यपुस्तकों (Textbooks) में दिखाई देता है। इस प्रकार विद्यालयी ज्ञान का वास्तविक प्रतिबिंब हमें पाठ्यक्रम, सिलेबस और पाठ्यपुस्तकों में देखने को मिलता है। 2. विद्यालयी ज्ञान का अर्थ (Meaning of School Knowledge) विद्यालयी ज्ञान वह चयनित, संगठित और उद्देश्यपूर्ण ज्ञान है, जिसे विद्यालय के माध्यम से विद्यार्थियों को समाजोपयोगी नागरिक बनाने के उद्देश्य से प्रदान किया जाता है। यह ज्ञान केवल तथ्यों का संग्रह नहीं होता, बल्कि इसमें मान...

Indian Constitution and Democracy भारतीय संविधान और लोकतंत्र

भूमिका (Introduction) भारत का संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था केवल शासन का ढाँचा नहीं है, बल्कि यह भारतीय समाज की आत्मा और उसकी ऐतिहासिक परंपराओं का जीवंत दस्तावेज है। भारतीय संविधान यह सुनिश्चित करता है कि देश में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति समान अधिकारों, सुरक्षित स्वतंत्रताओं और न्यायपूर्ण व्यवस्था के साथ जीवन जी सके। भारत का राजनीतिक इतिहास चाहे जितना भी विविधतापूर्ण रहा हो, लोकतांत्रिक विचारों ने हमेशा उसकी जड़ों में स्थान बनाए रखा है—चाहे वह वैदिक सभाएँ और समितियाँ हों, बौद्ध काल की गण-राज्य परंपरा, या आधुनिक स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान विकसित जन-जागृति। इसी लोकतांत्रिक धारा को आधुनिक रूप में संविधान ने सुदृढ़ किया। इस दृष्टि से भारतीय संविधान केवल कानूनों का समूह नहीं बल्कि भारतीय समाज की विविधता, सहिष्णुता और एकता का आदर्श है। यह दस्तावेज जनता को शासन के केंद्र में रखता है और यह सुनिश्चित करता है कि भारत की संप्रभु शक्ति नागरिकों में निहित हो। जनता द्वारा चुनी गई सरकार, जवाबदेही और समानता पर आधारित शासन, और अधिकारों के संरक्षण की संवैधानिक प्रणाली—ये सब भारतीय लोकतंत्र को दुनिया ...

Respiratory System श्वसन तंत्र

परिचय श्वसन तंत्र मानव शरीर का अत्यंत महत्वपूर्ण तंत्र है, जो शरीर को ऑक्सीजन उपलब्ध कराता है और कार्बन डाइऑक्साइड — जो चयापचय की एक अपशिष्ट गैस है — को बाहर निकालता है। शरीर की प्रत्येक कोशिका को ऊर्जा प्राप्त करने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, और यदि श्वसन की प्रक्रिया सुचारू रूप से न चले तो जीवन संभव नहीं है। श्वसन तंत्र निरंतर और स्वचालित रूप से कार्य करता है, जिससे शरीर के अंदर और बाहर गैसों का आदान-प्रदान होता रहता है और शरीर का संतुलन बना रहता है। परिभाषा श्वसन तंत्र को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है — यह अंगों और संरचनाओं का एक जैविक तंत्र है जो जीवों को ऑक्सीजन ग्रहण करने और कार्बन डाइऑक्साइड को निष्कासित करने में सहायता करता है। यह श्वास लेने (Inhalation) और छोड़ने (Exhalation) की प्रक्रिया तथा बाह्य वातावरण और शरीर के बीच गैसों के आदान-प्रदान को सम्मिलित करता है। श्वसन तंत्र के प्रमुख अंग (Main Organs of Respiratory System) मानव श्वसन तंत्र में कई अंग होते हैं जो मिलकर श्वसन की प्रक्रिया को संचालित करते हैं। इन्हें दो भागों में विभाजित किया जा सकता है — ऊपरी श्वसन ...

Concept of Hidden Curriculum | छिपे हुए पाठ्यक्रम की अवधारणा

Introduction | परिचय शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य केवल पुस्तकीय ज्ञान प्रदान करना नहीं है, बल्कि विद्यार्थी के समग्र व्यक्तित्व विकास को सुनिश्चित करना भी है। विद्यालय में विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों, पाठों और गतिविधियों के माध्यम से औपचारिक शिक्षा दी जाती है, परंतु इसके अतिरिक्त भी विद्यार्थी बहुत कुछ सीखते हैं — जैसे व्यवहार करना, सामाजिक संबंधों को निभाना, नियमों का पालन करना, अनुशासन बनाए रखना, सहयोग करना और दूसरों के प्रति संवेदनशील होना। ये वे बातें हैं जो किसी पाठ्यपुस्तक में नहीं लिखी होतीं, लेकिन विद्यालय के वातावरण में स्वतः सीखी जाती हैं। इन्हीं अनुभवों और शिक्षाओं को “छिपा हुआ पाठ्यक्रम (Hidden Curriculum)” कहा जाता है।  छिपा हुआ पाठ्यक्रम शिक्षा की अदृश्य लेकिन प्रभावशाली प्रक्रिया का वह हिस्सा है जो विद्यार्थियों के सोचने, समझने, व्यवहार करने और मूल्य अपनाने के तरीके को प्रभावित करता है। यह विद्यालय की संस्कृति, शिक्षक की कार्यशैली, साथियों के व्यवहार, अनुशासन की नीति और विद्यालय के माहौल से उत्पन्न होता है। इस प्रकार, यह शिक्षा के औपचारिक ढांचे का अनिवार्य किंतु अ...