प्रस्तावना (Introduction) शिक्षा को सामान्यतः उस औपचारिक पाठ्यचर्या से जोड़ा जाता है, जो विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में पाठ्यपुस्तकों, सिलेबस और परीक्षा के माध्यम से पढ़ाई जाती है। किंतु व्यवहार में शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं रहती। विद्यार्थी विद्यालय के वातावरण, शिक्षक के व्यवहार, साथियों के संबंधों, संस्थागत नियमों, अनुशासन, प्रतियोगिता और सामाजिक अपेक्षाओं से भी बहुत कुछ सीखता है। यही अनौपचारिक, अप्रत्यक्ष और अनकहे रूप में मिलने वाला शिक्षण “गुप्त पाठ्यचर्या” (Hidden Curriculum) कहलाता है। गुप्त पाठ्यचर्या वह शैक्षिक प्रभाव है, जो लिखित पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं होता, लेकिन विद्यार्थी के व्यक्तित्व, आचरण, सोच और सामाजिक दृष्टिकोण को गहराई से प्रभावित करता है। यह पाठ्यचर्या न तो परीक्षा में पूछी जाती है और न ही इसे औपचारिक रूप से पढ़ाया जाता है, फिर भी इसका प्रभाव अत्यंत व्यापक और स्थायी होता है। गुप्त पाठ्यचर्या का अर्थ (Meaning of Hidden Curriculum) गुप्त पाठ्यचर्या से तात्पर्य उस अनलिखी, अप्रकट और अनौपचारिक शिक्षा से है, जो विद्यार्थी विद्यालयी जीवन के दौरान स्वयं अ...
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