Summrized list of all articles of Indian Constitution संविधान के अनुच्छेदों की संक्षिप्त सूची
✔ संविधान के अनुच्छेदों की सरल और संक्षिप्त सूची
✔ सभी महत्वपूर्ण अनुच्छेदों का सारांश
✔ प्रतियोगी परीक्षाओं (UPSC, SSC, State PSC, Judiciary Exams) के लिए उपयोगी जानकारी
✔ पढ़ने और समझने में आसान भाषा
आइए, भारतीय संविधान को सरल शब्दों में समझें और अपने ज्ञान को अगले स्तर तक बढ़ाएं!
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अनुच्छेद क्रमांक एवं विवरण -
1 – भारत अर्थात इंडिया, राज्यों का संघ होगा।
2 – नए राज्यों का प्रवेश और समावेश।
3 – नए राज्यों का निर्माण और सीमाओं में परिवर्तन।
4 – अनुच्छेद 2 और 3 के तहत किए गए परिवर्तनों के लिए संसदीय प्रावधान।
5 – संविधान लागू होने के समय नागरिकता का निर्धारण।
6 – पाकिस्तान से प्रवास करने वाले लोगों की नागरिकता।
7 – पाकिस्तान को प्रवास करने वालों की नागरिकता से वंचित करने का प्रावधान।
8 – भारत के बाहर रहने वाले लोगों की नागरिकता।
9 – स्वेच्छा से किसी अन्य देश की नागरिकता लेने पर भारतीय नागरिकता समाप्त होगी।
10 – नागरिकता के अधिकारों की निरंतरता।
11 – संसद को नागरिकता से संबंधित कानून बनाने का अधिकार।
12 – 'राज्य' की परिभाषा।
13 – मौलिक अधिकारों के विरुद्ध कोई भी विधि शून्य होगी।
14 – कानून के समक्ष समानता।
15 – धर्म, जाति, लिंग, जन्म स्थान आदि के आधार पर भेदभाव पर रोक।
16 – सरकारी नौकरियों में अवसर की समानता।
17 – अस्पृश्यता का उन्मूलन।
18 – उपाधियों (Titles) का उन्मूलन।
19 – भाषण, अभिव्यक्ति, शांतिपूर्ण सभा, संघ बनाने, देश में स्वतंत्र रूप से निवास और व्यवसाय करने की स्वतंत्रता।
20 – दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण।
21 – जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार।
22 – गिरफ्तारी और नजरबंदी के मामलों में संरक्षण।
23 – मानव तस्करी और बलात श्रम पर प्रतिबंध।
24 – 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी कारखाने, खदान या अन्य खतरनाक कार्यों में नियुक्त करने की मनाही।
25 – धर्म की स्वतंत्रता (अंतरात्मा, धर्म की स्वतंत्रता, आचरण और प्रचार का अधिकार)।
26 – धार्मिक संस्थाओं को प्रबंधन का अधिकार।
27 – धर्म के प्रचार के लिए कर लगाने की मनाही।
28 – धार्मिक शिक्षा से संबंधित प्रावधान।
29 – अल्पसंख्यकों को अपनी भाषा, लिपि और संस्कृति संरक्षित करने का अधिकार।
30 – अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों की स्थापना और प्रशासन का अधिकार।
31 – संपत्ति संबंधी अधिकार (यह अनुच्छेद 44वें संविधान संशोधन, 1978 द्वारा हटाया गया)।
32 – मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए संवैधानिक उपचार का अधिकार (रिट जारी करने की शक्ति)।
33 – सशस्त्र बलों आदि पर मौलिक अधिकारों के लागू होने की सीमा।
34 – मार्शल लॉ लागू करने से संबंधित प्रावधान।
35 – संसद को मौलिक अधिकारों से संबंधित कानून बनाने की शक्ति।
36 – राज्य नीति निर्देशक तत्वों के लिए 'राज्य' की परिभाषा।
37 – नीति निर्देशक तत्वों को लागू करने की महत्ता।
38 – लोक कल्याण की नीति को बढ़ावा देना।
39 – नागरिकों के लिए पर्याप्त आजीविका, संसाधनों का समान वितरण और समान वेतन सुनिश्चित करना।
40 – ग्राम पंचायतों का संगठन।
41 – काम, शिक्षा और सार्वजनिक सहायता का अधिकार।
42 – काम की न्यायसंगत और मानवीय परिस्थितियाँ तथा मातृत्व राहत।
43 – श्रमिकों के लिए जीवन स्तर और कार्य की उचित स्थिति।
44 – समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) को बढ़ावा देना।
45 – 6 वर्ष तक के बच्चों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा (86वें संशोधन, 2002 द्वारा इसे अनुच्छेद 21A में स्थानांतरित किया गया)।
46 – अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य कमजोर वर्गों के शैक्षिक और आर्थिक हितों की रक्षा।
47 – पोषण स्तर और जनस्वास्थ्य में सुधार।
48 – कृषि और पशुपालन को आधुनिक वैज्ञानिक पद्धतियों से संचालित करना।
49 – राष्ट्रीय स्मारकों और स्थानों की सुरक्षा।
50 – न्यायपालिका और कार्यपालिका का पृथक्करण।
51 – अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देना।
51A – नागरिकों के मूल कर्तव्य (42वें संविधान संशोधन, 1976 द्वारा जोड़ा गया)।
52 – भारत के राष्ट्रपति का पद।
53 – संघ की कार्यकारी शक्ति राष्ट्रपति में निहित होगी।
54 – राष्ट्रपति के निर्वाचन की प्रक्रिया।
55 – राष्ट्रपति के निर्वाचन में राज्यों को समानुपातिक प्रतिनिधित्व।
56 – राष्ट्रपति का कार्यकाल (5 वर्ष)।
57 – राष्ट्रपति पुनः निर्वाचन के लिए योग्य होगा।
58 – राष्ट्रपति पद के लिए अर्हताएँ।
59 – राष्ट्रपति को क्या लाभ और सुविधाएँ मिलेंगी।
60 – राष्ट्रपति की शपथ।
61 – राष्ट्रपति के महाभियोग की प्रक्रिया।
62 – राष्ट्रपति के पद के रिक्त होने पर नए चुनाव की समय-सीमा।
63 – उपराष्ट्रपति का पद।
64 – उपराष्ट्रपति, राज्यसभा का पदेन सभापति होगा।
65 – राष्ट्रपति के अनुपस्थित होने या पद रिक्त होने की स्थिति में उपराष्ट्रपति कार्यभार संभालेगा।
66 – उपराष्ट्रपति के निर्वाचन की प्रक्रिया।अनुच्छेद 67 – उपराष्ट्रपति की अवधि और पदमुक्ति।
68 – उपराष्ट्रपति के निर्वाचन की समय-सीमा।
69 – उपराष्ट्रपति की शपथ।
70 – राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के कार्यों में किसी आपात स्थिति से निपटने के प्रावधान।
71 – राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के निर्वाचन से संबंधित विवादों का समाधान।
72 – राष्ट्रपति को दया याचिका पर निर्णय लेने का अधिकार।
73 – संघ की कार्यकारी शक्ति की सीमा।
74 – राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रिपरिषद का गठन।
75 भारतीय संविधान में प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रिपरिषद की नियुक्ति, कार्यकाल और उत्तरदायित्व
76 – भारत के महान्यायवादी (Attorney General of India) की नियुक्ति, अधिकार, और कर्तव्य।
77 – भारत सरकार के कार्यों का संचालन (कार्यपालिका शक्ति का प्रयोग)।
78 – प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के बीच कर्तव्यों और संपर्क का विवरण।
79 – संसद की संरचना (राष्ट्रपति, राज्यसभा, लोकसभा)।
80 – राज्यसभा की संरचना और सदस्य संख्या।
81 – लोकसभा की संरचना और सदस्य संख्या।
82 – संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन।
83 – संसद के सदनों की अवधि।
84 – संसद सदस्यता के लिए योग्यताएँ।
85 – संसद का सत्रावसान (सत्र बुलाने और स्थगित करने की प्रक्रिया)।
86 – राष्ट्रपति का संसद में विशेष अधिकार (संदेश भेजने का अधिकार)।
87 – संसद के समक्ष राष्ट्रपति का अभिभाषण।
88 – मंत्रीगण और अटॉर्नी जनरल का संसद की कार्यवाही में भाग लेने का अधिकार।
89 – राज्यसभा में सभापति और उपसभापति की नियुक्ति।
90 – राज्यसभा के उपसभापति को हटाने की प्रक्रिया।
91 – उपसभापति के कर्तव्य और अधिकार।
92 – राज्यसभा की अध्यक्षता से संबंधित नियम।
93 – लोकसभा में अध्यक्ष (स्पीकर) और उपाध्यक्ष की नियुक्ति।
94 – लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को हटाने की प्रक्रिया।
95 – स्पीकर और डिप्टी स्पीकर की अनुपस्थिति में कार्यवाहक व्यवस्था।
96 – लोकसभा अध्यक्ष पर महाभियोग की प्रक्रिया।
97 – लोकसभा और राज्यसभा के सभापति व उपसभापति का वेतन-भत्ता।
98 – संसद सचिवालय की नियुक्ति और प्रबंधन।
99 – संसद सदस्यों की शपथ ग्रहण प्रक्रिया।
100 – संसद में मतदान की प्रक्रिया और कोरम (सदस्य संख्या)।
101 – संसद की दोहरी सदस्यता और सदस्यता समाप्ति के प्रावधान।
102 – संसद की सदस्यता के लिए अयोग्यता।
103 – संसद की सदस्यता संबंधी विवादों पर राष्ट्रपति का निर्णय।
104 – बिना अनुमति वेतन/भत्ते लेने पर दंड।
105 – संसद के सदस्यों के विशेषाधिकार और शक्तियाँ।
106 – संसद के सदस्यों का वेतन और भत्ते।
107 – संसद में विधेयकों की प्रारंभिक प्रक्रिया।
108 – संयुक्त सत्र बुलाने की प्रक्रिया।
109 – धन विधेयक (Money Bill) से संबंधित प्रावधान।
110 – धन विधेयक की परिभाषा।
111 – राष्ट्रपति द्वारा विधेयकों को स्वीकृति देना या वापस भेजना।
112 – वार्षिक बजट (Annual Financial Statement)।
113 – संसद में अनुमान (Demands for Grants) की प्रस्तुति।
114 – संसद द्वारा अनुदान पारित करने की प्रक्रिया।
115 – बजट में अतिरिक्त और पूरक अनुदान।
116 – अस्थायी अनुदान (Vote on Account)।
117 – संसद में धन विधेयक और अन्य वित्तीय विधेयकों की प्रक्रिया।
118 – संसद के प्रत्येक सदन के लिए नियम बनाने की शक्ति।
119 – संसद में वित्तीय मामलों से संबंधित प्रक्रिया।
120 – संसद में भाषाओं का उपयोग (हिंदी और अंग्रेज़ी का प्रावधान)।
121 – संसद में न्यायिक आचरण पर चर्चा का निषेध।
122 – संसद की कार्यवाही को न्यायालयों में चुनौती नहीं दी जा सकती।
123 – राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति (जब संसद सत्र में न हो)।
124 – भारत में सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) की स्थापना।
125 – सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों का वेतन और भत्ते।
126 – मुख्य न्यायाधीश की अनुपस्थिति में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति।
127 – सर्वोच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति।
128 – सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को अस्थायी रूप से कार्य करने की अनुमति।
129 – सुप्रीम कोर्ट की अवमानना को दंडित करने की शक्ति।
130 – सुप्रीम कोर्ट का स्थान (दिल्ली या राष्ट्रपति द्वारा निर्दिष्ट स्थान)।
131 – सुप्रीम कोर्ट का मूल क्षेत्राधिकार (राज्यों और केंद्र के बीच विवाद)।
132 – उच्च न्यायालय के मामलों में सुप्रीम कोर्ट की अपील की अनुमति।
133 – सिविल मामलों में सर्वोच्च न्यायालय में अपील।
134 – आपराधिक मामलों में सर्वोच्च न्यायालय में अपील।
134A – उच्च न्यायालयों द्वारा मामलों को सुप्रीम कोर्ट में भेजने की शक्ति।
135 – संसद द्वारा अन्य अधिकार प्रदान करने की शक्ति।
136 – विशेष अनुमति याचिका (Special Leave Petition) के तहत सुप्रीम कोर्ट में अपील।
137 – सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपने निर्णयों की समीक्षा।
138 – संसद द्वारा सुप्रीम कोर्ट के क्षेत्राधिकार का विस्तार।
139 – संविधान प्रवर्तन से संबंधित मामलों में सर्वोच्च न्यायालय की शक्तियाँ।
140 – संसद द्वारा सुप्रीम कोर्ट की अतिरिक्त शक्तियों का निर्धारण।
141 – सुप्रीम कोर्ट के निर्णय संपूर्ण भारत में बाध्यकारी होंगे।
142 – न्याय करने के लिए आवश्यक पूर्ण शक्ति।
143 – राष्ट्रपति द्वारा सुप्रीम कोर्ट से परामर्श लेने की शक्ति।
144 – सभी सिविल और न्यायिक प्राधिकरणों का सर्वोच्च न्यायालय को सहयोग।
145 – सुप्रीम कोर्ट की प्रक्रियाओं को नियंत्रित करने के लिए नियम।
146 – सुप्रीम कोर्ट के कर्मचारियों की नियुक्ति और सेवा शर्तें।
147 – संविधान की व्याख्या से संबंधित मामलों में सर्वोच्च न्यायालय की शक्ति।
148 – नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General - CAG) की नियुक्ति, कार्यकाल और शर्तें।
149 – CAG के कर्तव्य और शक्तियाँ।
150 – भारत और राज्यों के खातों को बनाए रखने की विधि।
151 – CAG की रिपोर्ट राष्ट्रपति और राज्यपाल को प्रस्तुत करने की प्रक्रिया।
152 – राज्यों की परिभाषा (जम्मू-कश्मीर को छोड़कर सभी राज्यों पर लागू)।
153 – प्रत्येक राज्य में राज्यपाल की नियुक्ति।
154 – राज्य की कार्यकारी शक्ति राज्यपाल में निहित होगी।
155 – राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा।
156 – राज्यपाल का कार्यकाल।
157 – राज्यपाल पद के लिए पात्रता।
158 – राज्यपाल के वेतन, भत्ते और शर्तें।
159 – राज्यपाल की शपथ।
160 – राज्यपाल को अतिरिक्त कार्य सौंपने की शक्ति।
161 – राज्यपाल की क्षमादान शक्ति।
162 – राज्यों की कार्यकारी शक्ति की सीमा।
163 – राज्यपाल की सहायता के लिए मंत्रिपरिषद।
164 – मुख्यमंत्री और मंत्रियों की नियुक्ति।
165 – राज्य के महाधिवक्ता (Advocate General)।
166 – राज्य सरकार के कार्यों का संचालन।
167 – मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच संपर्क।
168 – राज्यों में विधायिका की संरचना।
169 – राज्य विधान परिषद (Legislative Council) की स्थापना या समाप्ति।
170 – राज्य विधान सभा की संरचना।
171 – राज्य विधान परिषद के सदस्यों की संरचना।
172 – राज्य विधानमंडल की अवधि।
173 – राज्य विधानसभा की सदस्यता के लिए पात्रता।
174 – राज्य विधानसभा के सत्र बुलाने और भंग करने की शक्ति।
175 – राज्य विधानसभा के समक्ष राज्यपाल के विशेष संबोधन की शक्ति।
176 – राज्यपाल का राज्य विधानसभा के समक्ष अभिभाषण।
177 – मंत्रियों और महाधिवक्ता का राज्य विधानमंडल की कार्यवाही में भाग लेने का अधिकार।
178 – विधानसभा के अध्यक्ष (Speaker) और उपाध्यक्ष की नियुक्ति।
179 – विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को हटाने की प्रक्रिया।
180 – अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की अनुपस्थिति में कार्यवाहक अध्यक्ष।
181 – विधानसभा अध्यक्ष पर महाभियोग प्रक्रिया।
182 – विधान परिषद के सभापति और उपसभापति की नियुक्ति।
183 – विधान परिषद के सभापति और उपसभापति को हटाने की प्रक्रिया।
184 – विधान परिषद के कार्यों की अध्यक्षता।
185 – विधानमंडल के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन और भत्ते।
186 – राज्य विधानमंडल के सदस्यों के वेतन और भत्ते।
187 – राज्य विधानमंडल सचिवालय की नियुक्ति और प्रबंधन।
188 – राज्य विधायकों की शपथ और प्रतिज्ञान।
189 – राज्य विधानमंडल में मतदान प्रक्रिया और कोरम।
190 – राज्य विधानमंडल की सदस्यता से त्यागपत्र और अयोग्यता।
191 – राज्य विधानमंडल की सदस्यता के लिए अयोग्यता के कारण।
192 – राज्य विधानसभा की सदस्यता विवादों पर निर्णय।
193 – राज्य विधानमंडल में अवैध बैठकों पर दंड।
194 – राज्य विधानमंडल के सदस्यों के विशेषाधिकार।
195 – राज्य विधानमंडल के सदस्यों का वेतन और भत्ता।
196 – राज्य विधानमंडल में विधेयकों की प्रक्रिया।
197 – दोनों सदनों द्वारा सामान्य विधेयकों पर विचार-विमर्श।
198 – धन विधेयक (Money Bill) से संबंधित प्रावधान।
199 – धन विधेयक की परिभाषा।
200 – राज्यपाल द्वारा विधेयकों को स्वीकृति, अस्वीकृति या पुनर्विचार के लिए भेजने की शक्ति।
201 – राज्यपाल द्वारा विधेयकों को राष्ट्रपति के विचारार्थ भेजना।
202 – राज्य के वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) की प्रस्तुति।
203 – राज्य की अनुदान माँगों पर विचार और मतदान।
204 – राज्य की वार्षिक वित्तीय मांगों को विनियोजन विधेयक के रूप में पारित करना।
205 – पूरक, अतिरिक्त और अधिक अनुदान का प्रावधान।
206 – आकस्मिक अनुदान (Vote on Account) का प्रावधान।
207 – राज्य विधानमंडल में धन विधेयकों की प्रक्रिया।
208 – राज्य विधानमंडल के लिए प्रक्रिया संबंधी नियम।
209 – राज्य विधानमंडल की कार्यवाही को नियमित करने के लिए नियम।
210 – राज्य विधानमंडल में प्रयुक्त भाषाएँ।
211 – राज्य विधानमंडल में न्यायपालिका की कार्यवाही पर चर्चा का निषेध।
212 – राज्य विधानमंडल की कार्यवाही को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती।
213 – राज्यपाल की अध्यादेश जारी करने की शक्ति।
214 – राज्यों में उच्च न्यायालयों की स्थापना।
215 – उच्च न्यायालय की अवमानना करने पर दंड देने की शक्ति।
216 – उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति और संख्या।
217 – उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति, कार्यकाल और सेवा शर्तें।
218 – उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को हटाने की प्रक्रिया।
219 – उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की शपथ।
220 – उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों पर कानूनी प्रैक्टिस का प्रतिबंध।
221 – उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का वेतन और भत्ते।
222 – उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का एक उच्च न्यायालय से दूसरे में स्थानांतरण।
223 – उच्च न्यायालय में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति।
224 – उच्च न्यायालय में अतिरिक्त और कार्यवाहक न्यायाधीशों की नियुक्ति।
224A – सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को पुनः कार्य करने की अनुमति।
225 – उच्च न्यायालयों की न्यायिक अधिकारिता।
226 – उच्च न्यायालयों की रिट जारी करने की शक्ति।
227 – उच्च न्यायालयों की अधीक्षण शक्ति।
228 – उच्च न्यायालयों द्वारा अधीनस्थ न्यायालयों से मामलों को स्थानांतरित करना।
229 – उच्च न्यायालय के कर्मचारियों की नियुक्ति और वेतन।
230 – संघीय क्षेत्रों के लिए उच्च न्यायालय की अधिकारिता।
231 – संसद द्वारा एक से अधिक राज्यों के लिए एक उच्च न्यायालय की स्थापना।
232 – राज्यों के अधीनस्थ न्यायालयों की नियुक्तियाँ।
अनुच्छेद 233 – जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति।
234 – राज्य के अन्य न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति।
235 – अधीनस्थ न्यायालयों पर उच्च न्यायालय का नियंत्रण।
236 – अधीनस्थ न्यायालयों के न्यायिक अधिकारियों की परिभाषा।
237 – अधीनस्थ न्यायालयों पर विशेष प्रावधान।
238 – (निरसित - 1956 में हटा दिया गया)।
239 – केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासन के लिए विशेष प्रावधान।
240 – केंद्रशासित प्रदेशों के लिए राष्ट्रपति की विधायी शक्ति।
241 – केंद्रशासित प्रदेशों के लिए न्यायालयों की स्थापना।
242 – (निरसित)।
243 – पंचायतों की स्थापना और शक्तियाँ।
244 – अनुसूचित क्षेत्रों और जनजातीय क्षेत्रों का प्रशासन।
245 – संसद और राज्यों की विधायी शक्तियों का विस्तार।
246 – विषय सूची (Union, State और Concurrent List)।
247 – संसद द्वारा अतिरिक्त न्यायालयों की स्थापना।
248 – संसद की विशेष विधायी शक्ति।
249 – राष्ट्रीय हित में संसद की राज्य सूची के विषयों पर कानून बनाने की शक्ति।
250 – आपातकाल की स्थिति में संसद की विधायी शक्ति का विस्तार।
251 – यदि संसद और राज्य विधानमंडल के किसी कानून में विरोधाभास हो तो संसद का कानून प्रभावी होगा।
अनुच्छेद 252 – दो या अधिक राज्यों के लिए संसद द्वारा कानून बनाने की शक्ति।
अनुच्छेद 253 – अंतर्राष्ट्रीय संधियों और समझौतों को लागू करने के लिए संसद की शक्ति।
254 – संघ और राज्य कानूनों में टकराव की स्थिति में संघीय कानून प्रभावी होगा।
255 – कुछ मामलों में राष्ट्रपति की अनुमति आवश्यक।
256 – राज्यों का कर्तव्य कि वे संघीय कानूनों का पालन करें।
257 – राज्यों को केंद्र के दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा।
258 – केंद्र सरकार अपनी शक्तियाँ राज्यों को सौंप सकती है।
259 – भारत सरकार द्वारा कुछ क्षेत्रों में विशेष प्रबंध।
260 – भारत सरकार अन्य देशों के साथ प्रशासनिक व्यवस्थाएँ कर सकती है।
261– लोक अधिनियमों, न्यायिक कार्यवाही और सार्वजनिक रिकॉर्ड को पूरे भारत में मान्यता।
262 – अंतःराज्यीय जल विवादों के निपटारे के लिए संसद को विशेष शक्ति।
263 – अंतःराज्यीय परिषद की स्थापना का प्रावधान।
264 – भाग XII (वित्त) की परिभाषा से संबंधित अनुच्छेद।
265 – कर केवल विधि द्वारा ही लगाया जा सकता है।
266 – भारत की संचित निधि और लोक लेखा कोष।
267 – आकस्मिकता निधि की व्यवस्था।
268 – कुछ कर जो केंद्र द्वारा एकत्र किए जाते हैं लेकिन राज्यों को दिए जाते हैं।
269 – कुछ कर जिन्हें केंद्र एकत्र करता है लेकिन राज्यों को वितरित करता है।
270 – करों का विभाजन और संग्रहण।
271– संसद को अधिभार लगाने की शक्ति।
272 – (हटाया गया – 80वें संशोधन के तहत)
273 – कुछ राज्यों को विशेष अनुदान।
274 – कुछ विधेयकों के लिए राष्ट्रपति की अनुशंसा आवश्यक।
275 – कुछ राज्यों को विशेष अनुदान।
276 – व्यवसाय, व्यापार या रोजगार पर कर लगाने की राज्यों की शक्ति।
277 – मौजूदा करों की निरंतरता।
278 – (हटाया गया – सातवें संविधान संशोधन के तहत)
279 – करों की गणना और व्याख्या।
280 – वित्त आयोग की स्थापना।
281– वित्त आयोग की रिपोर्ट संसद के समक्ष प्रस्तुत करना।
282 – केंद्र और राज्य सरकारों को लोक प्रयोजन के लिए अनुदान देने की शक्ति।
283 – संचित निधि, लोक लेखा कोष और आकस्मिकता निधि का संचालन।
284 – सार्वजनिक धन और संपत्ति से संबंधित प्रावधान।
285 – केंद्र सरकार की संपत्ति पर राज्यों द्वारा कर नहीं लगाया जा सकता।
286 – राज्यों को अंतर्राज्यीय व्यापार एवं वाणिज्य पर कर लगाने से प्रतिबंध।
287 – बिजली पर राज्यों द्वारा कर लगाने से संबंधित प्रतिबंध।
288 – राज्यों में संपत्ति पर कर लगाने से संबंधित विशेष प्रावधान।
289 – राज्यों की संपत्ति पर कर लगाने से केंद्र सरकार की रोक।
290 – कुछ राज्यों को वित्तीय सहायता से संबंधित प्रावधान।
291– (हटाया गया – 26वें संशोधन के तहत)
292 – भारत सरकार की ऋण लेने की शक्ति।
293 – राज्यों की ऋण लेने की शक्ति।
294 – भारत सरकार और राज्यों की संपत्ति और दायित्वों का हस्तांतरण।
295 – भारत सरकार और राज्यों की संपत्ति एवं अधिकारों का हस्तांतरण।
296 – स्वामित्व रहित संपत्ति पर सरकार का अधिकार।
297– समुद्री संपत्ति, खनिज और अन्य संसाधनों पर केंद्र सरकार का अधिकार।
298 – व्यापार और वाणिज्य से संबंधित सरकार की शक्ति।
299 – सरकारी अनुबंधों की विधि और शर्तें।
300 – भारत सरकार और राज्यों पर मुकदमे चलाने की प्रक्रिया।
301 – भारत के राज्यों के बीच व्यापार, वाणिज्य और समागम की स्वतंत्रता।
302 – संसद को सार्वजनिक हित में व्यापार की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार।
303 – राज्यों के बीच व्यापार में भेदभाव पर प्रतिबंध, अपवाद – संसद द्वारा विशेष परिस्थितियों में अनुमति।
304 – राज्यों को व्यापार एवं वाणिज्य पर कर लगाने और उचित प्रतिबंध लगाने का अधिकार।
305 – पूर्व-प्रचलित कानूनों की रक्षा, जो अनुच्छेद 301 के तहत प्रभावित हो सकते हैं।
306 – (निरसित)।
307 – संसद को व्यापार और वाणिज्य आयोग की स्थापना का अधिकार।
308 – केंद्र और राज्यों की लोक सेवाओं का परिभाषा।
309 – संसद और राज्य विधानमंडल को लोक सेवाओं के लिए नियम बनाने का अधिकार।
310 – लोक सेवकों का पद "राष्ट्रपति (केंद्र) या राज्यपाल (राज्य) के आनंद पर" आधारित।
311 – सरकारी सेवकों को बर्खास्तगी और दंड प्रक्रिया में सुरक्षा।
312 – अखिल भारतीय सेवाओं (IAS, IPS, आदि) की स्थापना का प्रावधान।
313 – संविधान लागू होने से पहले के नियमों की वैधता।
314 – (निरसित)।
315 – संघ एवं राज्य लोक सेवा आयोग की स्थापना।
316 – लोक सेवा आयोगों के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति।
317 – लोक सेवा आयोग के सदस्यों को हटाने की प्रक्रिया।
318 – लोक सेवा आयोगों के लिए विनियम बनाने की शक्ति
319 – लोक सेवा आयोग के सदस्यों की भविष्य की नियुक्ति पर प्रतिबंध
320 – लोक सेवा आयोगों के कार्य (नियुक्ति, पदोन्नति, अनुशासन, आदि)।
321 – लोक सेवा आयोगों को अन्य कार्य सौंपने का प्रावधान।
322 – लोक सेवा आयोगों का खर्च।
323 – लोक सेवा आयोगों की रिपोर्टिंग प्रक्रिया।
323A – प्रशासनिक न्यायाधिकरणों की स्थापना का प्रावधान।
323B – संसद और राज्य विधानमंडल को अन्य न्यायाधिकरण बनाने की शक्ति।
324 – भारत निर्वाचन आयोग का गठन और शक्तियाँ।
325 – एकल सामान्य मतदाता सूची का प्रावधान।
326 – 18 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों को वयस्क मताधिकार का अधिकार।
327 – संसद को चुनाव संबंधी प्रावधान बनाने की शक्ति।
328 – राज्य विधानमंडल को चुनाव संबंधी प्रावधान बनाने की शक्ति।
329 – चुनाव संबंधी मामलों में न्यायालयों का हस्तक्षेप सीमित।
330 – अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए लोकसभा में आरक्षण।
331 – राष्ट्रपति द्वारा आंग्ल-भारतीय समुदाय के सदस्यों का नामांकन।
332 – राज्यों की विधानसभाओं में अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए आरक्षण।
333 – राज्य विधानसभाओं में आंग्ल-भारतीयों का नामांकन।
334 – अनुसूचित जाति/जनजाति के आरक्षण और नामांकन की समय-सीमा।
335 – अनुसूचित जाति/जनजातियों के हितों और प्रशासन में उनकी सेवाओं की प्राथमिकता।
336 – आंग्ल-भारतीयों को सरकारी सेवाओं में विशेष सुविधा (समय-सीमा समाप्त)।
337 – आंग्ल-भारतीय शिक्षा संस्थानों को अनुदान।
338 – अनुसूचित जाति आयोग का गठन और कार्य।
338A – अनुसूचित जनजाति आयोग की स्थापना।
338B – अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग की स्थापना।
339 – अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन की जाँच हेतु राष्ट्रपति को अधिकार।
340 – पिछड़े वर्गों के उत्थान हेतु आयोग की स्थापना।
341 – अनुसूचित जातियों की अधिसूचना।
342 – अनुसूचित जनजातियों की अधिसूचना।
343 – भारत की राजभाषा हिंदी होगी।
344 – राजभाषा आयोग और समिति का गठन।
345 – राज्यों की राजभाषा का निर्धारण।
346 – राज्यों के बीच सरकारी संचार की भाषा।
347 – किसी भाषा को राज्य की आधिकारिक भाषा घोषित करने की प्रक्रिया।
348 – उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों की भाषा।
349 – अंग्रेज़ी से हिंदी में परिवर्तन हेतु विशेष प्रक्रिया।
350 – नागरिकों को किसी भी भाषा में निवेदन करने का अधिकार।
350A – प्राथमिक शिक्षा में मातृभाषा का प्रावधान।
350B – अल्पसंख्यक भाषा अधिकारों की रक्षा के लिए विशेष अधिकारी की नियुक्ति।
351 – हिंदी भाषा के विकास और समृद्धि हेतु विशेष निर्देश।
352 – राष्ट्रीय आपातकाल (युद्ध, बाहरी आक्रमण या आंतरिक विद्रोह की स्थिति में)।
353 – राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान केंद्र सरकार की विशेष शक्तियाँ।
354 – आपातकाल के दौरान वित्तीय प्रावधानों में परिवर्तन।
355 – केंद्र सरकार का राज्यों को बाहरी आक्रमण और आंतरिक अशांति से बचाने का कर्तव्य।
356 – राष्ट्रपति शासन (संविधान के अनुसार शासन न चलने पर राज्य सरकार को भंग करना)।
357 – राष्ट्रपति शासन के दौरान संसद की शक्तियाँ।
358 – अनुच्छेद 19 के निलंबन का प्रावधान (राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान)।
359 – आपातकाल के दौरान मौलिक अधिकारों को निलंबित करने की राष्ट्रपति की शक्ति।
360 – वित्तीय आपातकाल (देश की आर्थिक स्थिरता को खतरा होने पर)।
361 – राष्ट्रपति और राज्यपाल को न्यायिक कार्यवाही से विशेष छूट।
362 – (निरसित) पूर्व रियासतों के शासकों के विशेषाधिकार।
363 – पूर्व रियासतों से संबंधित विवादों पर न्यायालय का हस्तक्षेप निषिद्ध।
364 – राष्ट्रपति को कुछ कानूनों को अपवादित करने की शक्ति।
365 – राज्य सरकार द्वारा केंद्र के निर्देशों का पालन न करने पर दंडात्मक कार्रवाई।
366 – संविधान में प्रयुक्त विभिन्न शब्दों की परिभाषा।
367 – संविधान की व्याख्या से संबंधित विशेष प्रावधान।
368 – भारतीय संविधान में संशोधन करने की संसद की शक्ति और प्रक्रिया।
369 – संसद को कुछ विषयों पर अस्थायी रूप से कानून बनाने की शक्ति।
370 – जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा (अब निरसित)।
371-371J – कुछ राज्यों (महाराष्ट्र, गुजरात, नागालैंड, असम, मणिपुर, आंध्र प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, कर्नाटक) के लिए विशेष प्रावधान।
372 – संविधान लागू होने से पहले के मौजूदा कानूनों की निरंतरता।
373 – राष्ट्रपति की विशेष शक्ति, जब राष्ट्रीय आपातकाल की अनुशंसा लंबित हो।
374 – भारत में संघीय न्यायालय और उच्च न्यायालयों की व्यवस्था।
375 – न्यायपालिका की निरंतरता।
376 – उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीशों की स्थिति।
377 – भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की स्थिति।
378 – लोक सेवा आयोग की स्थिति।
378A – (निरसित)।
379-391 – (निरसित, संविधान लागू होने के बाद अनावश्यक हो गए)।
392 – राष्ट्रपति को संविधान के प्रारंभिक कार्यान्वयन के लिए आदेश जारी करने की शक्ति।
393 – संविधान का संक्षिप्त नाम – "भारत का संविधान"।
394 – संविधान के कुछ अनुच्छेदों के लागू होने की तिथि।
395 – भारत सरकार अधिनियम, 1935 और अन्य ब्रिटिश कालीन कानूनों का निरसन।
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